झारखंड में मंईयां सम्मान योजना को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। इस योजना के तहत महिलाओं को हर महीने 2500 रुपये देने का वादा किया गया था। लेकिन अब तक 20 लाख से ज्यादा महिलाओं को 7500 रुपये की राशि नहीं मिली है। यह राशि तीन महीने की किस्तों का हिस्सा है। सरकार ने इसे एक साथ देने का ऐलान किया था। फिर भी, कई महिलाएं अब तक इंतजार में हैं।
योजना का मकसद क्या है?
मंईयां सम्मान योजना झारखंड सरकार की एक खास पहल है। इसका लक्ष्य महिलाओं को आर्थिक मदद देना है। योजना के तहत 18 से 50 साल की महिलाओं को हर महीने 2500 रुपये मिलते हैं। सालाना यह राशि 30,000 रुपये हो जाती है। सरकार चाहती है कि इससे महिलाएं आत्मनिर्भर बनें। लेकिन अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या यह योजना अपना मकसद पूरा कर पा रही है?
7500 रुपये का वादा
हाल ही में सरकार ने बड़ा फैसला लिया था। उसने कहा कि तीन महीने की राशि यानी 7500 रुपये एक साथ दिए जाएंगे। यह फैसला 25 मार्च 2025 को कैबिनेट की बैठक में हुआ। इसके बाद उम्मीद थी कि सभी पात्र महिलाओं के खाते में पैसे पहुंच जाएंगे। पहले चरण में 38 लाख महिलाओं को यह राशि मिल भी गई। लेकिन 20.60 लाख महिलाएं अभी भी खाली हाथ हैं।
क्यों हो रही देरी?
इस देरी के कई कारण सामने आए हैं। सबसे बड़ी वजह आधार और बैंक खाते का लिंक न होना है। जिन महिलाओं का आधार बैंक से जुड़ा नहीं है, उनके खाते में पैसे नहीं आए। सरकार ने पहले कहा था कि मार्च 2025 तक बिना आधार लिंक के भी पैसे मिलेंगे। लेकिन अब अप्रैल में भी यह समस्या बनी हुई है। इसके अलावा कुछ महिलाओं के आवेदन में गलतियां भी हैं। जैसे नाम, पता या बैंक डिटेल्स में त्रुटि। इन गलतियों को ठीक करने में समय लग रहा है।
महिलाओं की परेशानी
जिन महिलाओं को पैसे नहीं मिले, वे परेशान हैं। कई महिलाएं ब्लॉक ऑफिस के चक्कर काट रही हैं। कुछ का कहना है कि उन्हें समझ नहीं आ रहा कि क्या करें। रांची की एक महिला ने बताया, “मैंने सारी कागजी कार्रवाई की, फिर भी पैसे नहीं आए।” ऐसी ही शिकायतें राज्य के अलग-अलग जिलों से आ रही हैं। बगोदर ब्लॉक में 8,305 महिलाओं को अब तक राशि नहीं मिली। यह संख्या वहां की कुल पात्र महिलाओं का बड़ा हिस्सा है।
सरकार का जवाब
सरकार ने इस पर सफाई दी है। उसका कहना है कि सभी पात्र महिलाओं को पैसे जरूर मिलेंगे। इसके लिए सत्यापन का काम तेजी से चल रहा है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को भी इस काम में लगाया गया है। सरकार ने यह भी कहा कि जिनके खाते आधार से लिंक नहीं हैं, उन्हें जल्दी यह काम पूरा करना होगा। अप्रैल की किस्त से पहले डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) चालू करना जरूरी होगा।
कैसे करें समाधान?
अगर आपको भी 7500 रुपये नहीं मिले हैं, तो कुछ कदम उठा सकते हैं। सबसे पहले अपने बैंक खाते को आधार से लिंक करें। इसके बाद नजदीकी ब्लॉक ऑफिस जाएं। वहां अपनी शिकायत दर्ज कराएं। अगर आवेदन में कोई गलती है, तो उसे तुरंत सुधारें। सरकार की वेबसाइट mmmsy.jharkhand.gov.in पर भी जानकारी मिल सकती है। वहां से आप अपना स्टेटस चेक कर सकते हैं।