भारत सरकार ने गरीबों के लिए एक बड़ी खुशखबरी दी है। प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत पहली क़िस्त जारी कर दी गई है। यह योजना गरीब परिवारों को पक्का मकान देने के लिए शुरू की गई थी। अब इसकी पहली क़िस्त से लाखों लोगों को राहत मिलेगी। सरकार का लक्ष्य है कि हर गरीब के पास अपना घर हो। इस योजना से ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के लोग लाभ उठा सकते हैं।
पहली क़िस्त की राशि
हाल ही में सरकार ने घोषणा की कि पहली क़िस्त के रूप में 40,000 रुपये दिए जाएंगे। यह राशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खाते में भेजी जाएगी। ग्रामीण क्षेत्रों में यह राशि 1.20 लाख रुपये तक की कुल सहायता का हिस्सा है। वहीं, पहाड़ी इलाकों में यह सहायता 1.30 लाख रुपये तक हो सकती है। पहली क़िस्त मिलने से लोगों को घर बनाने की शुरुआत करने में मदद मिलेगी। सरकार ने कहा कि यह पैसा पारदर्शी तरीके से दिया जाएगा। इसके लिए आधार से जुड़े खातों का इस्तेमाल होगा।
योजना का उद्देश्य
पीएम आवास योजना की शुरुआत 2015 में हुई थी। इसका मकसद 2024 तक सभी बेघर लोगों को घर देना था। अब यह लक्ष्य 2025 तक बढ़ा दिया गया है। सरकार चाहती है कि कोई भी गरीब झोपड़ी में न रहे। इस योजना के तहत पक्के मकान के साथ बिजली, पानी और शौचालय जैसी सुविधाएँ भी दी जाती हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में 25 वर्ग मीटर का घर बनाया जाता है। इसमें रसोई के लिए अलग जगह भी होती है।
लाभार्थी कौन हैं?
इस योजना का लाभ वही लोग उठा सकते हैं जो गरीबी रेखा से नीचे हैं। इसके लिए सरकार ने सामाजिक-आर्थिक जनगणना (SECC 2011) के आँकड़ों का इस्तेमाल किया। ग्राम सभा की मंजूरी के बाद लाभार्थियों का चयन होता है। जो लोग कच्चे या टूटे-फूटे घरों में रहते हैं, उन्हें प्राथमिकता दी जाती है। महिलाओं को भी इस योजना में खास महत्व दिया गया है। 74% घर महिलाओं के नाम पर या संयुक्त रूप से दिए गए हैं।
पहली क़िस्त कैसे मिलेगी?
पहली क़िस्त लेने के लिए आवेदन करना जरूरी है। इसके लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके हैं। सबसे पहले पीएमएवाई की वेबसाइट पर जाकर रजिस्ट्रेशन करें। वहाँ आपको अपना आधार नंबर देना होगा। इसके बाद आपकी जानकारी जाँची जाएगी। अगर आप पात्र होंगे, तो आपका नाम लाभार्थी सूची में आएगा। फिर पहली क़िस्त आपके खाते में ट्रांसफर हो जाएगी। ग्रामीण क्षेत्रों में यह प्रक्रिया ग्राम पंचायत के जरिए भी हो सकती है।
योजना की प्रगति
अब तक पीएम आवास योजना के तहत 3.21 करोड़ घर स्वीकृत हो चुके हैं। इनमें से 2.67 करोड़ घर बनकर तैयार हैं। सरकार ने 3.32 करोड़ घर बनाने का लक्ष्य रखा है। हाल ही में 2 करोड़ और घरों को मंजूरी दी गई है। इससे करीब 10 करोड़ लोग लाभान्वित होंगे। हर घर में एलपीजी कनेक्शन, पीने का पानी और बिजली भी दी जा रही है। यह योजना ग्रामीण भारत को सशक्त बनाने का काम कर रही है।