चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने राज्य के नागरिकों के लिए एक बड़ा और आधुनिक कदम उठाया है। अब प्रदेश में जमीन की रजिस्ट्री और इंतकाल की प्रक्रिया पूरी तरह पेपरलेस और ऑनलाइन होने जा रही है। यह नई व्यवस्था 1 नवंबर से लागू होगी, जिससे रजिस्ट्री से जुड़े कार्यों में पारदर्शिता बढ़ेगी और लोगों को अनावश्यक दफ्तरों के चक्कर लगाने से मुक्ति मिलेगी।
डिजिटल सिस्टम से होगी रजिस्ट्री
सरकार ने घोषणा की है कि अब प्रदेश में केवल पेपरलेस रजिस्ट्री ही की जाएगी। इससे पहले तक रजिस्ट्री में कई दस्तावेज़ों की फोटोकॉपी और हस्ताक्षर की आवश्यकता होती थी, लेकिन अब यह सब डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए किया जाएगा। इस प्रणाली में सभी दस्तावेज़ ऑनलाइन अपलोड होंगे और भुगतान भी सरकारी ई-गवर्नेंस पेमेंट गेटवे के माध्यम से किया जा सकेगा। अब केवल पोर्टल द्वारा तैयार की गई ऑनलाइन डिड ही कानूनी मान्यता प्राप्त होगी.
इन डीड्स को भूमि अभिलेखों से स्वतः सत्यापित किया जाएगा और संबधित अधिकारियो द्वारा डिजिटली हस्ताक्षरित किया जाएगा.
20 नवंबर के बाद ऑनलाइन होंगे इंतकाल
रजिस्ट्री के साथ-साथ अब इंतकाल की प्रक्रिया भी ऑनलाइन कर दी जाएगी। 20 नवंबर 2025 से कोई भी व्यक्ति जमीन के इंतकाल के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकेगा। इसके लिए किसी सरकारी दफ्तर या तहसील के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी। रजिस्ट्री के बाद इंतकाल अपने आप डिजिटल सिस्टम से अपडेट हो जाएगा और संबंधित व्यक्ति को इसका प्रमाणपत्र ऑनलाइन प्राप्त होगा।
क्या होता है इंतकाल?
इंतकाल दरअसल जमीन के स्वामित्व हस्तांतरण की वह प्रक्रिया है जिसमें किसी संपत्ति के मालिकाना हक में बदलाव होता है। जब कोई व्यक्ति जमीन या संपत्ति खरीदता या बेचता है, तो इस लेनदेन को सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज किया जाता है — इसी को इंतकाल कहा जाता है। अब यह प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से होगी, जिससे पारदर्शिता और सटीकता सुनिश्चित की जा सके।
