हरियाणा सरकार ने गरीब और जरूरतमंद परिवारों के बच्चों के लिए एक सराहनीय कदम उठाया है। अब राज्य के निजी स्कूलों में भी आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चे पढ़ सकेंगे। हरियाणा के शिक्षा मंत्री श्री महीपाल ढांडा ने हाल ही में यह बड़ा ऐलान किया है, जिससे प्रदेश के हजारों परिवारों को राहत मिलेगी।
कितनी सीटें रहेंगी गरीब बच्चों के लिए आरक्षित?
शिक्षा मंत्री ने बताया कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE) के तहत हरियाणा के सभी मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों में 25% सीटें गरीब, वंचित और पिछड़े वर्गों के बच्चों के लिए आरक्षित रहेंगी। इन सीटों पर दाखिला निशुल्क किया जाएगा और इन बच्चों की फीस, किताबें, वर्दी आदि की जिम्मेदारी सरकार उठाएगी।
स्कूलों को मानना होगा आदेश
श्री ढांडा ने स्पष्ट किया कि जिन निजी स्कूलों को सरकार से मान्यता प्राप्त है, उन्हें यह नियम अनिवार्य रूप से लागू करना होगा। अगर कोई स्कूल इस आदेश का पालन नहीं करता, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने बताया कि सभी जिलों के शिक्षा अधिकारियों को इस आदेश की निगरानी करने और समय पर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा, अभिभावकों को भी जागरूक किया जाएगा ताकि वे अपने बच्चों को इन सीटों के लिए आवेदन कर सकें।
सरकारी स्कूलों की स्थिति भी सुधरी
बैठक के दौरान शिक्षा मंत्री ने बताया कि सरकारी स्कूलों में भी शिक्षा के स्तर में सुधार हो रहा है। 30 अप्रैल 2024 तक कक्षा पांचवीं में जहां 2 लाख 7 हजार 685 बच्चों का दाखिला हुआ था, वहीं इस साल 15 अप्रैल 2025 तक 2 लाख 4 हजार 163 बच्चों का दाखिला हो चुका है। सरकार को उम्मीद है कि 30 अप्रैल तक ये आंकड़े पिछले साल से आगे निकल जाएंगे।
वर्दी और किताबें भी मुफ्त
शिक्षा मंत्री ने जानकारी दी कि पहली से आठवीं कक्षा तक के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के वर्दी के पैसे अप्रैल के अंतिम सप्ताह तक उनके बैंक खातों में भेज दिए जाएंगे। इसके अलावा, 21 अप्रैल तक सभी बच्चों को मुफ्त किताबें भी वितरित कर दी जाएंगी।
शिक्षा मंत्री का संदेश
श्री ढांडा ने कहा कि हरियाणा सरकार का उद्देश्य हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना है, चाहे वह किसी भी आर्थिक वर्ग से क्यों न आता हो। गरीब बच्चों को निजी स्कूलों में पढ़ने का अवसर देना समाज में समानता और शिक्षा का स्तर बढ़ाने की दिशा में बड़ा कदम है।